श्रिंकेज या संकोचन , वह प्रक्रिया है जिसमें एक कपड़ा अपने मूल आकार से छोटा या बड़ा हो जाता है, आमतौर पर कपड़े धोने के बाद ऐसा होता है । खासतौर पर सूती या डेनिम कपड़े को धोने के बाद दो तरह से माप में नुकसान होता है जैसे - कपडा या तो सिकुड़ जाता है या माप घट जाता है ।
धोने के दौरान दो प्रकार के संकोचन होते हैं
1) लंबाई में (वार्प वाइज )
2) चौड़ाई में (वेफ्त वाइज )
कारण:
कपड़े की तैयारी के दौरान उच्च तनाव के कारण यार्न में अतिरिक्त खिंचाव होता है। इस प्रकार के संकोचन को लंदन संकोचन के रूप में जाना जाता है। ऐसा फाइबर संरचना के लिए फाइबर की सूजन के कारण होता है।
श्रिंकेग चेक करने की विधि:
कपडे के छोटे से टुकड़े या सैंपल को मेज या टेबल पर अच्छी तरह से फैलाया दें । फिर एक फ्लेक्सीग्लास श्रिंकेज टेम्पलेट को कपड़े पर रखे जो चौकोर आकार का होता है। फ्लेक्सीग्लास श्रिंकेज टेम्पलेट पर आठ निशान होते हैं और दो निशान के बीच की दूरी 35 सेमी होता है। परमानेंट फैब्रिक मार्कर द्वारा कपड़े पर चिह्नित करें । अब कपडे को 90 मिनट के लिए 60˚c पर कपड़े को धो लें। कपड़े धोने के बाद बाहर निकाल लें ।फिर किसी भी विधि के अनुसार सैंपल को सूखा लें , यह या तो लाइन ड्राई या फ्लैट ड्राई या टंबल ड्राई हो सकता है। अब डायमेंशनल चेंज को जानने के लिए श्रिंकेग रूलर से दोनों निशान के बिच को मापे और उसका श्रिंकेज / खिंचाव पढ़ें। अब सटीक श्रिंक या स्ट्रेच प्राप्त करने के लिए वार्प -वाइज ( लम्बाई ) या वेफ्त -वाइज (चौड़ाई ) रीडिंग का माध्य मान प्राप्त करें।
संकोचन (श्रिंकेग) माप का फोर्मुला ;
संकोचन % = (धोने से पहले कपड़े की लंबाई) - (कपड़े धोने के बाद कपड़े की लंबाई) / (कपड़े धोने के बाद कपड़े की लंबाई) x 100
उदाहरण,
धोने से पहले कपड़े की लंबाई = 35 सेमी
धोने के बाद कपड़े की लंबाई = 3२.५ सेमी
अब, श्रिंकेज % = {(३५-३२.५ ) / ३२.५ } x १००
= ७. ६९ %
यहां, श्रिंकेज ७. ६९% है। आम तौर पर संकोचन 5% से कम स्वीकार्य है। ऐसा माना जाता है कि जितना कम श्रिंकेज होता है , कपडे की गुणवत्ता उतनी अधिक होता है लेकिन खरीदार की आवश्यकता के अनुसार इसे बदला जा सकता है।
धोने के दौरान दो प्रकार के संकोचन होते हैं
1) लंबाई में (वार्प वाइज )
2) चौड़ाई में (वेफ्त वाइज )
कारण:
कपड़े की तैयारी के दौरान उच्च तनाव के कारण यार्न में अतिरिक्त खिंचाव होता है। इस प्रकार के संकोचन को लंदन संकोचन के रूप में जाना जाता है। ऐसा फाइबर संरचना के लिए फाइबर की सूजन के कारण होता है।
श्रिंकेग चेक करने की विधि:
कपडे के छोटे से टुकड़े या सैंपल को मेज या टेबल पर अच्छी तरह से फैलाया दें । फिर एक फ्लेक्सीग्लास श्रिंकेज टेम्पलेट को कपड़े पर रखे जो चौकोर आकार का होता है। फ्लेक्सीग्लास श्रिंकेज टेम्पलेट पर आठ निशान होते हैं और दो निशान के बीच की दूरी 35 सेमी होता है। परमानेंट फैब्रिक मार्कर द्वारा कपड़े पर चिह्नित करें । अब कपडे को 90 मिनट के लिए 60˚c पर कपड़े को धो लें। कपड़े धोने के बाद बाहर निकाल लें ।फिर किसी भी विधि के अनुसार सैंपल को सूखा लें , यह या तो लाइन ड्राई या फ्लैट ड्राई या टंबल ड्राई हो सकता है। अब डायमेंशनल चेंज को जानने के लिए श्रिंकेग रूलर से दोनों निशान के बिच को मापे और उसका श्रिंकेज / खिंचाव पढ़ें। अब सटीक श्रिंक या स्ट्रेच प्राप्त करने के लिए वार्प -वाइज ( लम्बाई ) या वेफ्त -वाइज (चौड़ाई ) रीडिंग का माध्य मान प्राप्त करें।
संकोचन (श्रिंकेग) माप का फोर्मुला ;
संकोचन % = (धोने से पहले कपड़े की लंबाई) - (कपड़े धोने के बाद कपड़े की लंबाई) / (कपड़े धोने के बाद कपड़े की लंबाई) x 100
उदाहरण,
धोने से पहले कपड़े की लंबाई = 35 सेमी
धोने के बाद कपड़े की लंबाई = 3२.५ सेमी
अब, श्रिंकेज % = {(३५-३२.५ ) / ३२.५ } x १००
= ७. ६९ %
यहां, श्रिंकेज ७. ६९% है। आम तौर पर संकोचन 5% से कम स्वीकार्य है। ऐसा माना जाता है कि जितना कम श्रिंकेज होता है , कपडे की गुणवत्ता उतनी अधिक होता है लेकिन खरीदार की आवश्यकता के अनुसार इसे बदला जा सकता है।